G20 kya hai hindi: G20 दुनिया भर की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों का एक संगठन है आपलोगो को पता ही होगा की इस साल भारत को G20 की अध्यक्षता करने को मिला जो भारत को 2022 के दिसंबर महीने में मिला था अब भारत एक साल तक इसक नेतृत्व करेगा इससे पहले ये इंडोनेशिया के पास था और भारत के बाद 2024 में इसका नेतृत्व ब्राजील के पास चली जाएगी।
जी-20 देशों के पास विश्व के घरेलू सकल उत्पाद का 80 प्रतिशत, अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 60 से 75 प्रतिशत और विश्व की 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या है।इसे वर्ष 1999 में बर्लिन में एशिया की आर्थिक संकट को देखते हुए पहली बार हुई G-20 समूह की बैठक की गयी थी 2008 के बाद से, यह साल में कम से कम एक बार बुलाई जाती है।
इस साल भारत में इस दौरान 200 छोटी-बड़ी बैठकों का भी आयोजन भारत के बहुत से शहरों में होगा। इससे भारतीय पर्यटन को काफी जायदा फ़ायदा होगा। जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता संभालते हुए पीएम ने कहा कि “भारत दुनिया में एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा। भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेगा।”इस आर्टिकल में, हम G20 के महत्व, G20 kya hai hindi, G20 kya hai, G20 kya hota hai, इसकी उत्पत्ति, कार्यों और विश्व मंच पर इसके प्रभाव का पता लगाएंगे।
20 का समूह (जी-20) क्या है? G20 kya hai hindi
यह एक ऐसा देश का समूह जिसमें 19 देश हैं और 20वां यूरोपीय संघ शामिल है। साल में एक बार जी-20 शिखर सम्मेलन किया जाता है जिसमें राज्यों के सरकार प्रमुखों के साथ उन देशों के केंद्रीय बैंक के गवर्नर भी शामिल होते हैं। G 20 सम्मेलन में प्रमुख रूप से आर्थिक मामलों पर चर्चा की जाती है
जी-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, UK और United States शामिल हैं। ये सभी देश सदस्य मिल कर दुनिया की जीडीपी का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। इन सब के अलावा अलावा इन देशों का दुनिया भर के व्यापार में हिस्सा भी 80 फीसदी है और दुनिया की दो तिहाई आबादी यहीं रहती है।
विश्वभर की कूटनीति और global आर्थिक के क्षेत्र में, ग्रुप ऑफ़ 20 , जिसे आमतौर पर जी20 कहा जाता है, एक प्रमुख स्थान रखता है। दुनिया भर की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को मिलाकर, G20 गंभीर चुनौतियों का समाधान करने और financial ,स्थिरता, आर्थिक विकास और विभिन राष्ट्रों के बीच सहयोग को प्रभावित करने वाली नीतियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
उत्पत्ति और विकास: G20 summit
G20 की स्थापना 1990 के दशक के उतरिये देशो के वित्तीय संकटों, विशेषकर एशियाई वित्तीय संकट की देखते हुए 1999 में इसकी शुरुआत की गई थी। प्रारंभ में, G20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों के लिए एक एकमहत्पूर्ण मंच था। हालाँकि, 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के देखकर G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन को global आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने की उनकी क्षमता के कारण प्रमुखता मिली।
सदस्यता और प्रतिनिधित्व: G20 का गठन कौन करता है?
G20 में यूरोपीय संघ के साथ 20 अलग-अलग देशो शामिल हैं, जो विकसित और उभरती दोनों अर्थव्यवस्थाओं को represent करती हैं। महत्पूर्ण सदस्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, भारत और ब्राज़ील शामिल हैं। सामूहिक रूप से, G20 अर्थव्यवस्थाएँ दुनिया की सकल GDP और जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
20 के समूह (जी-20) का नीति फोकस
The Group of Twenty (G-20) एक विश्वस्तरीये मंच है जो दुनियाभर की आर्थिक और वित्तीय जैसे महत्पूर्ण मुद्दों की एक लंबी श्रृंखला पर चर्चा और सहयोग करने के लिए दुनिया की प्रमुख उन्नत और उभरती हुई देशो की अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ जोड़ता है। G-20 में ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जो दुनियाभर की आर्थिक स्थिरता और, विकास में सहयोग के लिए महत्वपूर्ण हैं।
व्यापक आर्थिक नीति समन्वय: G-20 का एक प्राथमिक उद्देश्य नीति के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देता है। जो देश इसके सदस्य होते है वह देश के country fiscal, मौद्रिक औ दर की नीतियों सहित अपनी आर्थिक नीतियों पर चर्चा करते हैं, ताकि यह पता किया जा सके कि उनके कार्य सामूहिक रूप से global तौर पे विकास में योगदान करते हैं
वित्तीय स्थिरता और विनियमन: G-20 दुनिया भर के वित्तीय नियमों और सुधारों में आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। यह भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकने के लिए बैंकिंग क्षेत्र के लचीलेपन, जोखिम को कम करने और पारदर्शिता से संबंधित जैसे मुद्दों को संबोधित करता है।
व्यापार और निवेश: व्यापार और निवेश चर्चा G-20 के नीतिगत एजेंडे का विशेष अंग हैं। G-20 मंच का उद्देश्य खुले, समावेशी और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना है।
नवाचार और डिजिटलीकरण: जैसे-जैसे दुनिया में तकनीक तेजी के साथ विकसित हो रही है, G-20 , डिजिटलीकरण और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करता है।
सतत विकास और जलवायु परिवर्तन: G-20 जलवायु परिवर्तन और विकास सहित पर्यावरणीय जैसी जैसी चुनौतियों का समाधान करता है। और कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों लो लेन का प्रयास करता है
गरीबी में कमी और समावेशी विकास: समावेशिता G-20 की नीतियों का का सबसे जायदा फोकस है। फोरम उन नीतियों को बढ़ावा देकर गरीबी और असमानता को कम करने की दिशा में काम करता है जो समावेशी आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा और शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक बेहतर पहुंच को बढ़ावा देती है
वैश्विक स्वास्थ्य और महामारी की तैयारी: हालांकि मूल रूप से प्राथमिक फोकस नहीं था, लेकिन जब COVID-19 महामारी ने दुनिया भर में स्वास्थ्य और महामारी की तैयारी के महत्व पर जोर दिया है।
वित्तीय समावेशन: G-20 वित्तीय inclusion और साक्षरता को बढ़ावा देने में मदद करता है ताकि यह पता किया किया जा सके कि दुनिया में व्यक्तियों और व्यवसायों की वित्तीय सेवाओं तक इनकी पहुंच हो। इससे आर्थिक विकास को और गति मिलती है और गरीबी कम होती है
चुनौतियाँ और Criticisms:
हालाँकि G20 पुरे दुनिया की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसकी चुनौतियाँ काम नहीं है आलोचकों का तर्क यह है कि G20 में छोटी अर्थव्यवस्थाओं देश का प्रतिनिधित्व नहीं है और इसके निर्णय बाध्यकारी नहीं हो सकते हैं। सदस्य देशों के विविध हितों को संतुलित बनाये रखना और सहमत उपायों का प्रभावी implementation सुनिश्चित करना एक निरंतर चुनौती बनी हुई है।
निष्कर्ष:
G20 का महत्व राष्ट्रीय सीमाओं से हटकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग करने के लिए दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने की क्षमता में निहित है। जैसे-जैसे हमारी दुनिया तेजी से एक-दूसरे से जुड़ती जा रही है, ऐसे प्लेटफार्मों के महत्व को कम नहीं आंका सकते है। नई आर्थिक वास्तविकताओं और वैश्विक चुनौतियों को अपनाते हुए G20 का विकास जारी है। आइए आज इस ब्लॉग में G20 के बारे में हमने जाना की G20 kya hai, G20 kya hai hindi, G20 kya hota hai यह क्या है।